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नवंबर, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मेरा वक्त गुजरता रहा

 यह सच है काफी मेहनत करने के बाद भी जब मंजिल नहीं मिलती तो इंसान निराश हो जाता है मंजिल सिर्फ उसको मिलती है जो मंजिल को पाने के लिए अपनी आखिरी सांस भी निछावर कर देता है जब हम किसी कामयाब व्यक्ति को देखते हैं तो हमारे मन में एक सवाल पैदा होता है कि काश मैं भी ऐसा होता लेकिन शायद हम यह नहीं सोच पाते की जितनी मेहनत उसने की है क्या हम कभी कर पाएंगे 1. मेरा वक्त गुजरता रहा उनके इंतजार में उस गली में वह दोबारा लौटकर नहीं आए उनकी राहों पर आंखें टिकी रही और शाम हो गई अब निराश होकर लौटना तो था लेकिन दिल कहता रहा थोड़ा और इंतजार कर लो 2. तुम्हारे वादों में हम उलझ कर लगता है मर जाएंगे क्योंकि हर मुलाकात पर अपने वादे से मुकरते हुए नजर आते हो

जब वह बेवफा हो गई तो उसको कहां पाओगे

जब वह बेवफा हो गई तो उसको कहां पाओगे देख लेना उसकी यादों में एक दिन खुद को मिटाओगे मुझे मालूम है ऐसे हालात में समझाना आसान नहीं होता लेकिन यह सच है घाव पर घाव करने से आराम नहीं होता