यह सच है काफी मेहनत करने के बाद भी जब मंजिल नहीं मिलती तो इंसान निराश हो जाता है मंजिल सिर्फ उसको मिलती है जो मंजिल को पाने के लिए अपनी आखिरी सांस भी निछावर कर देता है जब हम किसी कामयाब व्यक्ति को देखते हैं तो हमारे मन में एक सवाल पैदा होता है कि काश मैं भी ऐसा होता लेकिन शायद हम यह नहीं सोच पाते की जितनी मेहनत उसने की है क्या हम कभी कर पाएंगे
1. मेरा वक्त गुजरता रहा उनके इंतजार में उस गली में वह दोबारा लौटकर नहीं आए उनकी राहों पर आंखें टिकी रही और शाम हो गई अब निराश होकर लौटना तो था लेकिन दिल कहता रहा थोड़ा और इंतजार कर लो
2. तुम्हारे वादों में हम उलझ कर लगता है मर जाएंगे क्योंकि हर मुलाकात पर अपने वादे से मुकरते हुए नजर आते हो
1. मेरा वक्त गुजरता रहा उनके इंतजार में उस गली में वह दोबारा लौटकर नहीं आए उनकी राहों पर आंखें टिकी रही और शाम हो गई अब निराश होकर लौटना तो था लेकिन दिल कहता रहा थोड़ा और इंतजार कर लो
2. तुम्हारे वादों में हम उलझ कर लगता है मर जाएंगे क्योंकि हर मुलाकात पर अपने वादे से मुकरते हुए नजर आते हो