न जाने तुझमें ऐसा क्या है तुम्हें देखते ही तुम्हारा मैं हो गया भोली सी सूरत हसीन जुल्फों में मैं खो गया आपकी वादो में अपनी मंजिलों को तलाश करता हूं चाहे जिस तरह इंतहान ले लो मैं तुमसे प्यार करता हूं वह अपनों से ज्यादा गैरों से करती है मोहब्बत अगर इतनी मोहब्बत अपनों से करती जिंदगी मझधार में नहीं होती अपनों को जीने का सहारा मिल जाता नहीं भटकते प्यार के लिए दर-दर जिंदगी के मझधार में किनारा मिल जाता
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