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न जाने तुझमें ऐसा क्या है

न जाने तुझमें ऐसा क्या है तुम्हें देखते ही तुम्हारा मैं हो गया भोली सी सूरत हसीन जुल्फों में मैं खो गया आपकी वादो में अपनी मंजिलों को तलाश करता हूं चाहे जिस तरह इंतहान ले लो मैं तुमसे प्यार करता हूं  वह अपनों से ज्यादा गैरों से करती है मोहब्बत अगर इतनी मोहब्बत अपनों से करती जिंदगी मझधार में नहीं होती अपनों को जीने का सहारा मिल जाता नहीं भटकते प्यार के लिए दर-दर जिंदगी के मझधार में किनारा मिल जाता

मुझे गुरूर हो चुका था

मुझे गुरूर हो चुका था की उससे प्यार हो चुका है मन के पंछी आसमान छू रहे थे मुझे क्या मालूम था एक दिन ऐसा भी आएगा खुद को भूल जाने की बात मुझ तक पहुंचाएगी 

वादों का क्या है

 वादों का क्या है विचार बदलते ही वादे टूट कर बिखर जायेंगे गिर कर आंसू सूख जाएंगे आंखों से एक रुमाल भी नहीं छोड़ेगी जिससे तुम्हारे आंसुओं को पोछा जा सके

मेरा वक्त गुजरता रहा

 यह सच है काफी मेहनत करने के बाद भी जब मंजिल नहीं मिलती तो इंसान निराश हो जाता है मंजिल सिर्फ उसको मिलती है जो मंजिल को पाने के लिए अपनी आखिरी सांस भी निछावर कर देता है जब हम किसी कामयाब व्यक्ति को देखते हैं तो हमारे मन में एक सवाल पैदा होता है कि काश मैं भी ऐसा होता लेकिन शायद हम यह नहीं सोच पाते की जितनी मेहनत उसने की है क्या हम कभी कर पाएंगे 1. मेरा वक्त गुजरता रहा उनके इंतजार में उस गली में वह दोबारा लौटकर नहीं आए उनकी राहों पर आंखें टिकी रही और शाम हो गई अब निराश होकर लौटना तो था लेकिन दिल कहता रहा थोड़ा और इंतजार कर लो 2. तुम्हारे वादों में हम उलझ कर लगता है मर जाएंगे क्योंकि हर मुलाकात पर अपने वादे से मुकरते हुए नजर आते हो

जब वह बेवफा हो गई तो उसको कहां पाओगे

जब वह बेवफा हो गई तो उसको कहां पाओगे देख लेना उसकी यादों में एक दिन खुद को मिटाओगे मुझे मालूम है ऐसे हालात में समझाना आसान नहीं होता लेकिन यह सच है घाव पर घाव करने से आराम नहीं होता